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उम्मीद ज़गाता है, आयरलैंड में जनमत संग्रह से अबॉर्शन कानून में सुधार- प्रत्युष प्रशांत

वैज्ञानिक मिज़ाज के बदले पोंगापंथी मान्यताएं- प्रत्युष प्रशांत

यहां सरकार बदलने के साथ बदल जाता है स्कूली किताबों का कंटेंट- प्रत्युष प्रशांत

‘चरित्रहीन स्त्री’ की पहचान करवाने वाली मीडिया संस्थाओं की सोच पर शर्म है- शेष नाथ वर्णवाल

औरत ही औरत की दुश्मन होती है: कितना सच, कितना झूठ- गीता यादव

बिहार के इस वीडियो से साफ है कि महिला सुरक्षा का सवाल सिर्फ निजी नहीं राजनीतिक है- प्रत्युष प्रशांत

“नव-राष्ट्रवादी थ्योरी में जिन्ना वज़ीर बन गये हैं”- प्रत्युष प्रशांत

विमेन एंपावरमेंट के लिए शराब, गाली, मल्टीपल रिलेशनशिप जरूरी हैं?- गीता यादव

क्यों सिर्फ ध्यान खींचने वाले ऐलानों से बिहार के उच्चतर शिक्षा क्षेत्र की बदहाली दूर नहीं होगी- चंदन शर्मा