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writing about women's issue and social, political ,economical, culture and Contemporary issue, also about women history and women's question, Sexism And Patriarchy, Women Empowerment
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नवंबर, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
सम्मान के साथ मेहनत को मान्यता मिले-प्रत्युष प्रशांत
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मुल्ला जी की दौड़ मस्जिद तक और हम लड़कियों की पार्लर तक, कभी नहीं रुकने वाली!-गायत्री आर्य
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ख़बरों से गुम महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप -तेजी ईशा
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‘एक फिल्म ने ऐसे बादशाह की छवि बिगाड़ दी जिसने मंगोलों से हिंदुस्तान की हिफ़ाज़त की थी’(आभार: द वायर, लेख मूल रूप से द वायर के लिए लिखा गया है)
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महावारी के लहू पर जीएसटी का लगान-प्रत्युष प्रशांत
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पद्मावती को लेकर बहस में सबकुछ है बस महिला अस्मिता का सवाल नहीं है....प्रत्युष प्रशांत
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नेहरू के ख़िलाफ़ फैलाए जा रहे दुष्प्रचार की वजह क्या है? सौरभ वाजपेयी
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क्या देश के लिए पदक से कम होगी नस्लीय भावना?तेजी ईशा
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कहीं महिलाओं की गधे से तुलना, तो कहीं जींस ना पहनने के लिए शपथ-प्रत्युष प्रशांत
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बॉयफ्रेंड हमें ऐसा चाहिए जिसके साथ प्रेम का दर्शन भी समझा जा सके और प्रदर्शन भी किया जा सके- (आभार: अंजलि मिश्रा लेख मूल रूप से सत्याग्रह के लिए लिखा गया है।)
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मौलाना आज़ाद ने खुद ‘आज़ाद’ नाम रखकर ज़ाहिर किया वो रूढ़िवादी परंपरा के गुलाम नहीं-प्रत्युष प्रशांत
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