अक्षय की 'पैडमैन' सिर्फ पीरियड्स की परेशानी नहीं, हमारी एक और बीमारी दिखाती है-आशुतोष चचा

Padman: Why does Bollywood activism kickstart only when a movie is nearing its release date?
पैडमैन चैलेंज


हमारी सोसाइटी में कितने प्राब्लम है, ये पता हमें तब चलता है जब उसपर फिल्म बन जाती है, फिल्म बनते ही हमको पता चलता है कि अबे ई तो प्राब्लम है हमारे यहां , साला ध्यान ही नहीं गया इधर,अपन आराम से गोलगप्पे ठूंस रहे है पुरानी जिंस में चैन लगवा रहे थे, गाड़ी का मडगार्ड पोंछ रहे थे, सड़क पर साइड के लिए लड़ रहे थे. अचानक एक फिल्म का पोस्टर आया और हमको भी समझ में आया कि हमारे यहां औरत को पीरियड भी होता है और उसमें उसको दिक्कत भी होती है फिर ट्रेलर आया उसके बाद सेल्फी विद पैड का सीजन आ गया।
 पहले हमको अचानक पता चला था कि गुरू लैटरीन की बड़ी समस्या है देश में. सब आदमी औरत खुले में दिसा मैदान कर रहा है. फिर अक्षय कुमार ने ट्रेन से लेकर गंगा किनारे तक टट्टी साफ करके दिखाई. पिच्चर हिट हो गई तो लैटरीन की समस्या भी खत्म हो गई. उसके बाद अक्षय कुमार को कोई खुले में टट्टी करता नहीं दिखा. नहीं तो ट्विंकल भी नदी किनारे लोगों की हगते हुए फोटो खींच लेती थीं.
उसके पहले अचानक से पता चला था कि देश में रेप बहुत हो रहे हैं. अमिताभ बच्चन खुलकर सामने आए. क्योंकि पिंक आ गई थी. पिंक गई, अमिताभ भी चले गए. पिच्चर जाने के बाद एक भी रेप केस पर अमिताभ बच्चन ने कभी कुछ बोला हो तो बताना. उसी तरह अभी पीरियड्स की समस्या है, पैड्स महंगे हैं. सबको पैड चैलेंज दिखाना है. फिल्म चल जाएगी तो समस्या चली जाएगी.
इसके बाद फिर गोल्ड आने वाली है. जिसमें अक्षय कुमार हॉकी प्लेयर बलबीर सिंह बने हैं. तब अचानक से हमें इस समस्या का पता चलेगा कि देश का नेशनल गेम हॉकी, इसकी हालत तो बहुत खराब है बे. जोर शोर से आंदोलन होगा. फिल्म चल जाएगी, आंदोलन चला जाएगा. फिर कोई देशभक्ति फिल्म आएगी और हम अपराधबोध से दब जाएंगे. अपने सैनिकों के साथ हम कितना अन्याय करते हैं यार. फिर दनादन एक ऐप बनेगा, सैनिकों के लिए चंदा इकट्ठा होगा. फिल्म चल जाएगी, सैनिकों की समस्या चली जाएगी. अपनी समस्या बस उतनी देर की है जब तक फिल्म हिट नहीं हो जाती. पन इसमें कुछ गल्त नहीं है भाई, धंधे का वसूल है. और अम्मीजान कहती थीं कुछ धंधे के बारे में. याद तो होगा ही.
लेकिन गुरू अगर समस्या उठाने की जिम्मेदारी सिर्फ फिल्म चलने तक चले तो नीयत पर शक होता है. हमको मालूम है कि स्टार लोग बिजी होते हैं. एक वक्त में कई फिल्में, शो वगैरह कर रहे होते हैं. स्टार्स को पता होता है कि लोग उनकी बात सुनते हैं, उन पर जान देते हैं. यानी उनके पास लाखों लोगों की ताकत होती है. स्पाइडर मैन फिलिम में पीटर पारकर के अंकल ने कहा था “बड़ी ताकत से बड़ी जिम्मेदारी आती है.” वो जिम्मेदारी उठाओ या न उठाओ, आपकी मर्जी. लेकिन सिर्फ अपनी दुकान के लिए जनता की भावनाओं का इस्तेमाल करोगे तो विकीपीडिया में एक सेक्शन और जोड़ा जाएगा. जिसमें लिखा जाएगा कि किस फिल्म के आते ही आपने कौन सी समस्या उठाई. फिल्म जाने के बाद उस समस्या का क्या हुआ. वो शर्म से गड़ जाने वाला सेक्शन होगा स्टार भाई.
(आभार : लेख मूल रूप से ललनटांप के लिए लिखा गया है)


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